एक बार रोहित ट्रेन से यात्रा कर रहा था.. जल्दी में टिकट नहीं ले पाया.. ट्रेन आ गई थी....उसे पता नही क्या सूझा कि उसने प्लेटफार्म पर पडा एक पुराना टिकट उठा लिया...टिकट को पानी में डुबोकर जेब में आराम से रख लिया...
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ट्रेन चल पड़ी...
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आधे घन्टे बाद टी टी के आने की हलचल सुनाई पड़ी तो उसने टिकट निकालकर हाथ में ले लिया...
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फिर उसने क्या किया कि जेब से 2 पेन निकाल कर दोनों हाथों में एक एक पेन लेकर टिकट को पेन से पकडा (हाथो से दूर रखा)... .
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टी टी आया...टिकट की डिमांड किया...सबने
अपना अपना टिकट दिखाया...
.
फिर रोहित से माँगा ..
रोहित ने वैसे ही पेन से पकडकर टी टी को दूर से ही टिकट दिखाने लगा
.
टी टी को बडा अजीब लगा...
टी टी गुस्से से: ये क्या बेहूदगी है, हाथ से
क्यों नही दिखाते ?
.
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रोहित : कैसे छुए इसे...पेशाब में गिर गया था...
टी टी: दूर रखो इसे...जाने कहाँ कहाँ से आ जाते हैं !!!
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ट्रेन चल पड़ी...
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आधे घन्टे बाद टी टी के आने की हलचल सुनाई पड़ी तो उसने टिकट निकालकर हाथ में ले लिया...
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फिर उसने क्या किया कि जेब से 2 पेन निकाल कर दोनों हाथों में एक एक पेन लेकर टिकट को पेन से पकडा (हाथो से दूर रखा)... .
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टी टी आया...टिकट की डिमांड किया...सबने
अपना अपना टिकट दिखाया...
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फिर रोहित से माँगा ..
रोहित ने वैसे ही पेन से पकडकर टी टी को दूर से ही टिकट दिखाने लगा
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टी टी को बडा अजीब लगा...
टी टी गुस्से से: ये क्या बेहूदगी है, हाथ से
क्यों नही दिखाते ?
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रोहित : कैसे छुए इसे...पेशाब में गिर गया था...
टी टी: दूर रखो इसे...जाने कहाँ कहाँ से आ जाते हैं !!!
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